सुबह का सूरज
सुबह का सूरज एक जलती रोशनी के साथ उभरता है,
धीरे-धीरे वही रोशनी आग का गोला बन जाती है,
शाम तक वही रोशनी अंधेरी रात में छिप जाती है,
फिर चाँद और सितारों का एक नया रिश्ता आता है,
वो रिश्ता होता तो बहुत गहरा है,
पर एक दिन सितारा टूट कर दूर चला जाता है ॥
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